‘राम की पूजा के कारण होते हैं रेप’; हिंदू घृणा से भरी आयुष मंत्रालय की मीडिया सलाहकार से मिलिए, जो उमर खालिद जैसे इस्लामवादियों की सहानुभूति रखती है, दूसरी ओर प्रेस स्वतंत्रता को दरकिनार कर अर्णब की गिरफ्तारी पर जश्न मनाती

न्यूज़ डेस्क। देश में हिंदू घृणा से पोस्ट लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अक्सर ऐसे पोस्ट को लोग नजरअंदाज करना ज्यादा पसंद करते हैं। यदि कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे चुप करा दिया जाता है। निहारिका सिंह उर्फ मिशा ठाकुर का भी मामला हिन्दूफोबिया से जुड़ा है। निहारिका की फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, वह भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में पब्लिक स्पीकर और मीडिया सलाहकार है। दीवाली के मौके पर निहारिका ने ट्विटर पर एक पोस्ट साझा कर दावा किया कि भगवान राम ‘कायर’, ‘पितृसत्तावादी’ और ‘स्त्री द्वेषी’ थे।

उसने लिखा, “दीवाली एक ऐसा त्योहार है जब महिलाओं को यह याद दिलाना चाहिए कि सीता को राम से तलाक लेना चाहिए था, जब उन्होंने ‘अग्नि परीक्षा’ करके उन्हें पवित्रता साबित करने के लिए कहा। यह ठीक नहीं है कि कोई पुरुष किसी भी महिला से खुद को शुद्ध साबित करने के लिए जलने के लिए कहे।”

अग्निपरीक्षा या उस युग की सांस्कृतिक बारीकियों के पीछे के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को ठीक से समझे बिना मनगढंत कहानी को जारी रखते हुए उसने कहा, “यह सेक्स और नैतिकता संबंधित नहीं हैं और यदि यह है तो दोनों पक्षों को यह साबित करने की आवश्यकता है कि वे दूसरे से क्या पूछ रहे हैं। राम एक डरपोक व्यक्ति था, एक पितृसत्तावादी और स्त्रियों से घृणा करने वाला। सीता ने अपने हक की लड़ाई नहीं लड़ी और उनकी शर्तें मानती चली गईं। इसका लेखक एक पुरुष था। ऐसे देवी और देवता, इनकी अवहेलना करनी चाहिए, न की पूजा। दीवाली पीरियड की शुभकामनाएँ।”

आयुष मंत्रालय की इस मीडिया सलाहकार को आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर लताड़ लगी है। इसके बाद भी उसने खुशी जताते हुए फेसबुक पोस्ट की रीच बढ़ाने के लिए ‘बेरोजगार भक्तों’ का धन्यवाद दिया। निहारिका ने लिखा, “Woohoo, लगता है कि आप लोग मेरी आज्ञा का पालन कर रहे हैं, यहाँ मैं दोहराना चाहती हूँ: ओवरटाइम काम करो भक्तों, वैसे भी तुम बेरोजगार हो… मेरी पोस्ट पर सभी लोग टिप्पणी कर रहे हैं, इसकी पहुँच बढ़ाने के लिए अग्रिम धन्यवाद। मैं वास्तव में इस संदेश को अधिकतम लोगों तक पहुँचाना चाहती हूँ। ”

आलोचनाओं का जवाब देते हुए निहारिका सिंह ने लिखा, “भारत में 89 महिलाओं के साथ रोज बलात्कार और उत्पीड़न होता है, क्योंकि हम स्त्री से घृणा करने वाले जैसे कि राम की पूजा करते हैं। भौंकते रहो। मुझे राइट विंग को नीचा दिखाने के लिए राइट विंग से ही अग्रीमेंट मिला है।”

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के साथ काम करने वाली निहारिका सिंह का हिन्दू घृणा से भरा यह कोई पहला पोस्ट नहीं है। सिंह ने 23 अक्टूबर को एक पोस्ट शेयर किया था। जिसमें उसने ‘मार्क्सवादी’ ने बीआर अंबेडकर और हिंदू-विरोधी पेरियार के उदाहरणों का हवाला देते हुए, मनुस्मृति को फिर से जलाने की माँग की थी।

हाथरस मामले में भी उसने एक फर्जी खबर को हवा दी थी। जहाँ पीड़िता को कथित तौर पर संदीप नाम के युवक ने गला घोंट कर मार दिया था और बलात्कार किया था। उसने ट्वीट किया था, “हिन्दू राष्ट्र बलात्कारी है।” जबकि वह इसके बजाय आरोपित का नाम ले सकती थी, निहारिका ने जान-बूझकर हिन्दू घृणा से भरे संदेश को प्रचारित करने के लिए हिन्दू राष्ट्र शब्द का भी इस्तेमाल किया।

इसके अलावा सिंह ने भारत में वाम-उदारवादी इकोसिस्टम में फासीवाद और हिंदू आबादी के खिलाफ मुस्लिमों द्वारा किए अपराधों पर पर्दा डालने का काम भी किया है।

इंस्टाग्राम पर 17 अक्टूबर को किए गए एक पोस्ट में उसने अमेरिकी उपन्यासकार फिलिप रोथ को कोट करते हुए हिंदुओं पर जमकर हमला किया। एक तरफ उसने हिंदुत्ववादियों की आलोचना की वहीं देश के प्रति प्रेम का ढोंग भी रचा। उसने पोस्ट में दिल्ली दंगा साजिशकर्ता और कट्टरपंथी इस्लामी उमर खालिद की रिहाई की माँग करते हुए गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम को निरस्त करने की माँग की।

आयुष मंत्रालय की मीडिया सलाहकार भाजपा की मुखर आलोचक रही हैं। भाजपा सरकार को फासीवादी बताने के लिए वह अक्सर फर्जी समाचारों और वामपंथी प्रोपेगेंडा का सहारा लेती है। 22 अक्टूबर को साझा किए गए एक ट्विटर पोस्ट में उसने ’पत्रकार’ और फर्जी खबरों का प्रचार-प्रसार करने वाली रोहिणी सिंह का हवाला दिया कि मोदी सरकार वोट के लिए घातक कोरोनावायरस के वैक्सीन का इस्तेमाल कर रही हैं। उसने कहा, “वोट के बदले वैक्सीन? और कितना गिरोगे?”

निहारिका सिंह ने 19 जून को एक फेसबुक पोस्ट में भारत सरकार का विरोध करते हुए नजर आई थी। उन्होंने लिखा, ”मोदी मेरी समझ से बाहर हैं। 20 सैनिकों की मौत के बाद गलवान घाटी क्षेत्र में चीन की तरफ से कोई घुसपैठ न होने की बात कितनी बेशर्मी से कही गई है? चीन ने इस भाषण के बाद आधिकारिक रूप से गलवान घाटी में घुसने का दावा किया। कायर, बेदिमाग, बिका हुआ।” उसने आगे दावा किया,”भाजपा और उसका अस्तित्व इस देश और उसके भविष्य के लिए एक झूठ है।”

वहीं उसके फेसबुक पोस्ट से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि वह ’इतिहासकार’ रामचंद्र गुहा की कट्टर प्रशंसक हैं। गुहा के एक बयान का जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था, नैतिक ताने-बाने, सामाजिक जीवन और संस्थानों को होने वाले नुकसान से उबरने के लिए भारत एक अपरिभाषित समय लेगा, सिंह ने इसे कोट करते हुए लिखा, “रिप डेमोक्रेसी।” इस पोस्ट ने असल में नेटिज़न्स को आश्चर्यचकित कर दिया है कि क्यों वह अभी भी अपनी कल्पना में अत्याचारी और फासीवादी सरकार के साथ काम करती है, क्योंकि नहीं वह इसे छोड़ देती है।

इन सब के अलावा निहारिका अर्णब की गिरफ्तारी पर भी बेहद खुश नजर आई थी, जब उन्हें 2 साल पुराने एक बंद मामले में गिरफ्तार किया गया था।

उल्लेखनीय है कि निहारिका सिंह के फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पोस्टों से यह स्पष्ट हो जाता है कि वह एक कट्टरपंथी हिन्दूफोबिक है, जो उमर खालिद जैसे इस्लामवादियों की सहानुभूति रखती है। वहीं दूसरी ओर प्रेस स्वतंत्रता को दरकिनार करते हुए अर्णब की गिरफ्तारी पर जश्न मनाती है।

सोशल मीडिया यूज़र्स अब केंद्र सरकार के हाई-प्रोफाइल मंत्रालयों में काम करने वाले व्यक्तियों की ’पृष्ठभूमि जाँच’ में लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।निहारिका कोई अकेली ऐसी शख्स नहीं हैं। इससे पहले दूरदर्शन से जुड़ी ईरा त्रिवेदी नामक एक योग विशेषज्ञ ने हिंदू भावनाओं को ठोस पहुँचाते हुए गौमाँस को खाने की बात कहीं थी। सोशल मीडिया पर मामले के तूल पकड़ते उसे चैनल ने निकाल दिया था।

सोर्स :- ऑप इंडिया

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