RSS ने NRC की अंतिम सूची में त्रुटियां पर जताई चिंन्ता, केंद्र सरकार से कहा, इन्हें दूर कर बढ़ें आगे

पुष्कर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS ने सोमवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में “कुछ त्रुटियां” हैं और आगे बढ़ने से पहले सरकार को उन्हें दूर करना चाहिए। संघ ने हालांकि इस पूरी कवायद को स्वागत योग्य कदम बताया। सूत्रों ने कहा कि संघ की वार्षिक समन्वय बैठक के पहले दिन शनिवार को इस बात पर चिंता जताई गई कि असम में प्रकाशित अंतिम एनआरसी सूची में कई वास्तविक नागरिक छूट गए हैं, जिनमें से अधिकतर का दावा है कि वे हिंदू हैं। BJP के महासचिव और पूर्वोत्तर के सात राज्यों के प्रभारी राम माधव ने असम में हुई एनआरसी की कवायद और उसकी अंतिम सूची के बारे में बैठक में जानकारी दी। संघ की समन्वय बैठक के अंतिम दिन यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने NRC को “एक जटिल मुद्दा” करार दिया क्योंकि कई बांग्लादेशी प्रवासियों के नाम मतदाता सूची में शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश के 35 से 40 लाख अवैध प्रवासी असम में बसे हैं और पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा उन्हें वैध दस्तावेज जारी किये गए, जिससे यह पूरा मुद्दा बेहद जटिल हो गया।’’ उन्होंने कहा कि बैठक में एनआरसी पर चर्चा हुई। सरकार को आगे बढ़ने से पहले NRC सूची में सुधार करने का सुझाव देते हुए होसबोले ने कहा, “एनआरसी की अंतिम सूची कानून नहीं है…इसमें कुछ त्रुटियां और गलतियां हैं..सरकार को उन्हें हटाकर आगे बढ़ना चाहिए।” हालांकि, उन्होंने प्रदेश की BJP सरकार की एनआरसी की पूरी कवायद के लिये तारीफ की और कहा कि सत्ता में आने का बाद तय समय में उन्हें यह काम पूरा करना था।

बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, NRC मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई और कई वास्तविक नागरिकों को इस सूची में जगह नहीं मिलने पर चिंता जताई गई, खासतौर पर उनके लिये जो पड़ोसी राज्यों से आकर असम में बसे थे। उन्होंने कहा कि संघ नेताओं ने इस बात पर भी चिंता जताई कि सूची से बाहर हुए 19 लाख लोगों में से अधिकतर हिंदू हैं। भाजपा ने अद्यतन NRC सूची की आलोचना की थी और कहा था कि अगर भारतीय नागरिकों की अपीलों पर विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विपरीत फैसला सुनाया जाता है तो सरकार उनके हितों की रक्षा के लिये कानून लाएगी। असम में 31 अगस्त को प्रकाशित अंतिम एनआरसी सूची में 19 लाख लोगों को जगह नहीं मिली थी।

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