गजब: सेना के जवानों के लिए जल्दी पहुंचानी थी ट्रेन, रेलवे ने अपनी सूझ-बुझ से फूल स्पीड में दौड़ा दी ट्रेन

न्यूज़ डेक्स। देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल सेना के लिए भी काफी अहम है। कई बार जब जवानों की संख्या ज्यादा रहती है, तो सैन्य वाहनों की जगह ट्रेनों का इस्तेमाल मूवमेंट के लिए किया जाता है। जिस वजह से भारतीय सेना भी देश की शान कहे जाने वाले जवानों का पूरा ध्यान रखती है। इससे जुड़ा एक वाक्या झारखंड से सामने आया है, जहां रेलवे ने जवानों के लिए अधिकतम गति से राजधानी को दौड़ा दिया।

दरअसल रामगढ़ से 100 जवानों को दिल्ली जाना था। रामगढ़ से रांची की दूरी काफी ज्यादा है, ऐसे में वहां पर आकर फिर ट्रेन पकड़ना काफी मुश्किल था। ऊपर से जवानों के साथ सामान भी ज्यादा रहता है। जब सेना के अधिकारियों ने राजधानी ट्रेन का रूट देखा तो उनको बरकाकाना स्टेशन पास लगा, लेकिन वहां से भी जवानों की मूवमेंट मुश्किल थी। इसका कारण राजधानी का वहां पर सिर्फ 5 मिनट रुकना था। 5 मिनट में 100 जवान अपने सामान के साथ ट्रेन में नहीं चढ़ सकते थे। इसके लिए उन्होंने रांची रेल डिविजन से संपर्क किया और उनको अपनी समस्या बताई।

मामला सेना से जुड़ा था इसलिए बरकाकाना में ट्रेन को ज्यादा देर तक रोकना जरूरी था, लेकिन अगर 5 मिनट से ज्यादा राजधानी रुकती तो रेलवे के ऑपरेशन में दिक्कत होती। इस पर रेलवे अधिकारियों के मन में ख्याला आया कि वो ट्रेन को तो ज्यादा देर नहीं रोक सकते, लेकिन उसे जल्दी पहुंचा सकते हैं। उन्होंने प्लान बनाया कि राजधानी ट्रेन की स्पीड को बढ़ाया जाए और उसे 10 मिनट पहले बरकाकाना स्टेशन पर पहुंचा दिया जाए, ताकी जवान आसानी से चढ़ सकें।

इसके बाद रेलवे ने रविवार को राजधानी को मैक्सिमम स्पीड पर चलाया। उसके बरकाकाना पहुंचने का टाइम 7.25 बजे था, लेकिन रेलवे ने अपनी काबिलियत की बदौलत ट्रेन को 17 मिनट पहले 7.08 बजे ही पहुंचा दिया। इसके बाद जवान आसानी से अपने सामान के साथ ट्रेन में चढ़े। फिर ट्रेन अपने निर्धारित वक्त पर वहां से रवाना हो गई। मैक्सिमम स्पीड के दौरान लोको पायलट को कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए एक लोको इंस्पेक्टर को भी तैनात किया गया था।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रविवार को राजधानी 110 किलोमीटर की रफ्तार से 90 किलोमीटर तक चली, ये उसकी मैक्सिमम स्पीड कही जाती है। इस वाक्ये पर रेलवे ने ट्वीट कर लिखा कि भारतीय रेल ने सेना के अनुरोध पर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को अपनी अधिकतम गति से चला कर 17 मिनट पहले पहुंचाया, जिससे जवानों और उनके सामान को चढ़ाने के लिए अतिरिक्त समय मिल सके। हम अपने सैन्य बलों की आवश्यकताओं को समझते हैं और उनको पूरा करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं।

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