तकनीक का दिखा कमाल टेलीमेडिसीन द्वारा मछुवारे का हुआ सफल ईलाज

दुर्ग। विकासखंड पाटन में मछुवारें के रूप में अपनी जीविका जीने वाले प्रेमशंकर मुँह की छाले की समस्या से विगत कई वर्षों से जुझ रहे थे। उन्होंने लोकल स्तर पर इसके लिए कई बार इलाज भी करवाया परंतु इसमें उन्हें लाभ नही मिल पा रहा था। मछली कल्याण बोर्ड के सदस्यों को मछुवारा समुह द्वारा इसकी जानकारी मिली और उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के डॉ. आशीष शर्मा बीएमओ पाटन से संपर्क किया। इस पर बीएमओ ने उन्हें टेली मेडिसिन सेवा से अवगत कराया। डॉ. आशीष शर्मा ने मरीज श्री प्रेमशंकर को बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में ही टेलीमेडिसीन सेवा द्वारा उसका इलाज एम्स रायपुर से कराया जाएगा। जिसके लिए उसे बाहर जाने की आवश्यकता नही है। मरीज को अपाइंटमेंट लेकर रायपुर एम्स से टेली कंसल्टेंसी द्वारा चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिससे की मरीज संतुष्ट है। स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित होकर प्रेमशंकर ने छत्तीसगढ़ शासन, ंएम्स प्रबंधन एवं मत्स्य पालन विभाग को अभार व्यक्त किया और शासन की इस पहल का आत्मीयता पूर्वक स्वागत किया।

टेलीमेडिसिन सेवा के संबंध में जानकारी देते हुए बीएमओ पाटन डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मछुवारा के स्वास्थ्य तथा चिकित्ससा के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) रायपुर के विशेषज्ञों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन और मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से विशेष पहल कर टेलीमेडिसिन सेवाओं को आरंभ किया गया। इस प्रकार की ई-स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराकर शासन बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि कर रही है। जिससे मछुवारों जैसे विशेष वर्ग को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के 5 अस्पतालों से मछुवारा वर्ग के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर से निःशुल्क टेली मेडिसिन की सुविधा उपलब्ध है।

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