प्रधानमंत्री मोदी रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करेंगे प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करने की स्‍वामित्‍व योजना का शुभारंभ

न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी रविवार को प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करने की स्‍वामित्‍व योजना का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों को अधिकार संपन्‍न बनाने के लिए इस स्‍वामित्‍व योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना का शुभारंभ करने के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी कुछ लाभार्थियों से बात भी करेंगे।

‘स्वामित्व’ पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक योजना है। इसके बारे में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, 24 अप्रैल, 2020 को घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्‍य गांवों के संपत्ति धारकों को उनके मालिकाना हक के रिकॉर्ड के रूप में संपत्ति कार्ड उपलब्‍ध कराना है। इस योजना से जमीन मालिक अपने संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका इस्तेमाल लोन आदि के आवेदन समेत अन्य आर्थिक लाभ के लिए किया जा सकेगा।

देशभर में 4 साल में चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जा रहा है और करीब छह लाख 62 हजार गांवों को इसके दायरे में लाया जायेगा। इसमें से एक लाख गावों को पायलट फेज में 2000-21 के दौरान कवर किया जाएगा। इस आरंभिक चरण में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक के गांवों के साथ-साथ से पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती कुछ गांव शामिल होंगे।

इस योजना के अंतर्गत लगभग एक लाख संपत्ति मालिक अपने मोबाइल फोन पर SMS से प्राप्त होने वाले लिंक से संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्ड का फिजिकल वितरण करेंगी। इसके अंतर्गत 6 राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे, जिसमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव शामिल होंगे। महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लाभार्थी 1 दिन के अंदर फिजिकल कार्ड प्राप्त करेंगे जबकि महाराष्ट्र के भू-स्वामियों को संपत्ति कार्ड मिलने में 1 महीने का समय लग सकता है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार संपत्ति कार्ड के लिए सामान्य शुल्क लागू करने का प्रबंध कर रही है।

अलग-अलग राज्यों में संपत्ति कार्ड को अलग-अलग नाम दिए गए हैं। हरियाणा में ‘टाइटल डीड’, कर्नाटक में ‘रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड’ (आरपीओआर), मध्यप्रदेश में ‘अधिकार अभिलेख’, महाराष्ट्र में ‘सनद’, उत्तराखंड में ‘स्वामित्व अभिलेख और उत्तर प्रदेश में ‘घरौनी’ नाम दिया गया है।

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