AMU के शताब्दी समारोह बोले पीएम मोदी- जो देश का है वो हर देशवासी का है, सबको उसका लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की दीवारों में देश का इतिहास है, यहां पढ़ने वाले छात्र दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि AMU के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। मोदी ने कहा कि मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है।
पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है।
अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/Emr5fwJ7fk
— BJP (@BJP4India) December 22, 2020
इस अवसर पर पीएम ने दावा किया कि आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुँच रही हैं। बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला। उन्होंने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है।
सरकार higher education में number of enrollments बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है।
वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे। आज 23 IITs हैं।
वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थे। आज 25 IIITs हैं।
वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे। आज 20 IIMs हैं। pic.twitter.com/xIK4rwiZzi
— BJP (@BJP4India) December 22, 2020
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज AMU से तालीम लेकर निकले सारे लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों पर ही नहीं बल्कि दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हुए हैं। AMU के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं। मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा Nation First के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।