पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर पाकिस्तान ने किया फ्रांसीसी राजदूत को तलब, एम्बेसेडर को पाकिस्तान ने भेजा समन

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने पैंगंबर साहब पर कार्टून के प्रकाशन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान पर तीखा विरोध दर्ज कराने के लिए सोमवार को फ्रांसीसी राजदूत मार्क बरेती को तलब किया। वहीं देश की संसद ने सरकार से पेरिस से अपना दूत वापस बुलाने की मांग की। विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि यह रेखांकित किया गया कि इस तरह के गैरकानूनी और इस्लाम विरोधी कृत्य पाकिस्तान सहित दुनिया भर में मुसलमानों की भावनाओं को आहत करते हैं।

इस तरह के कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर उचित नहीं ठहराया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने दोहराया कि सार्वजनिक भावनाओं या धार्मिक आस्थाओं को आहत करने और धार्मिक-द्वेष, कटुता और टकराव को हवा देने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

इसके कुछ घंटे बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नेशनल असेंबली में एक प्रस्ताव रखा जिसमें फ्रांस में कार्टून के प्रकाशन और कुछ देशों में इस्लाम के खिलाफ कृत्यों की निंदा की गयी। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

कुरान के अपमान पर विदेश मंत्रालय की निंदा

रविवार (25 अक्टूबर 2020) को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इस्लामोफ़ोबिया को बढ़ावा देने वाले विकसित देशों और कुरान का अपमान करने वालों की निंदा करते हुए बयान जारी किया। बयान में लिखा था, “कुछ राजनेता अपने सतही राजनीतिक फायदों के लिए अभिव्यक्ति की आज़ादी की आड़ में, इस तरह के जघन्य अपराधों को सही ठहराते हुए और आतंकवाद की इस्लाम से तुलना कर रहे हैं, यह बात हमारे लिए चिंता पैदा करती है।” इसके बाद बयान में यह भी कहा गया कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ कुछ ज़िम्मेदारी भी होती है, उसका ध्यान रखा जाना चाहिए।

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