रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लगाई माइनस 14 डिग्री तापमान के बर्फीले पानी में डुबकी, जाने क्यों
न्यूज़ डेक्स। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार यानी 19 जनवरी को माइनस 14 डिग्री तापमान में बर्फीले पानी में आस्था की डुबकी लगाई। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फीस्ट डे यानी इपिफनी (एपिफनी) के मौके पर ईसाई धर्म के अनुष्ठान के रूप में मॉस्को में बर्फीले पानी वाले पुल में डुबकी लगाई। इसकी तस्वीर रूसी राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से जारी की गई है। बता दें कि रूस में इपिफनी के मौके पर बर्फीले पाने में डुबकी लगाने को पवित्र माना जाता है।
यहां बताना जरूरी है कि ईसाई धर्म के पवित्र पर्व इपिफनी के मौके पर ईसाई धर्म के मानने वाले लोग बर्फीले पानी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। 68 साल के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इसी परंपरा के तहत डुबकी लगाई है। इपिफनी के अवसर पर इसाई धर्म को मानने वाले लोग पारंपरिक रूप से किसी बर्फीले पानी वाले नदी, तालाब या पुल में डुबकी लगाते हैं।
The President took a traditional dip to mark Epiphany https://t.co/lv9e1WnUlp pic.twitter.com/BxnXa4qcDY
— President of Russia (@KremlinRussia_E) January 19, 2021
इपिफनी के मौके पर बर्फीले पानी में पुतिन की डुबकी लगाती तस्वीर रूसी राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट की गई है, जिसमें वह चारों तरफ बर्फ से घिरे पुल में शर्टलेस होकर डुबकी लगाते दिखते हैं। तस्वीर में दिख रहा है कि राष्ट्रपति पुतिन बर्फीले पानी वाले पुल तक एक ओवरकोट पहनकर आते हैं और फिर डूबकी लगाते वक्त वह शर्टलेस नजर आते हैं। तस्वीर में पुतिन काफी फिट और स्वस्थ नजर आए, जिससे उनकी खराब सेहत की अटकलें भी खारिज हो गईं।
ऐसी मान्यता है कि ईसा मसीह ने जॉर्डन नदी में डुबकी लगाई थी और इस दिन बर्फीले पाने में डुबकी लगाने से पाप धूल जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि ईसाई धर्म के लोग मानते हैं कि मध्य रात्रि में इस अवसर पर नदी, तालाब या पुल का पानी पवित्र हो जाता है। राष्ट्रपति पुतिन की डुबकी लगाती तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। रूसी राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल पर ही अब तक इसे तीन हजार से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं और सात सौ के करीब रीट्वीट हो चुके हैं।