Covid-19 अलर्ट : ‘हवा के जरिये भी फैलता है कोरोना वायरस’, पहली बार WHO ने माना
वाशिंगटन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहली बार ये माना है कि Covid-19 का संक्रमण हवा से भी हो सकता है। इस बारे में WHO ने पुख्ता सुबूत होने की बात कही है। हालांकि हवा से कोरोना वायरस फैलने को लेकर WHO कुछ और डेटा इकट्ठा करने में लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टेक्निकल हेड Maria Van Kerkhove ने कहा कि कोरोना वायरस के हवा में रहने और हवा के जरिए फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। खास तौर पर भीड़ वाली जगहों या ऐसी जगहों पर जहां हवा का आवागमन अच्छा नहीं है यानी वेंटिलेशन कम अच्छा है. वहां हवा के जरिए कोरोना वायरस फैल सकता है।
239 वैज्ञानिकों ने WHO को लिखा था ओपन लेटर
कोरोना वायरस के हवा से फैलने को लेकर 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने WHO को ओपन लेटर लिखा था। इस पत्र में WHO की भूमिका पर भी सवाल उठाये गए थे। खासकर कोरोना वायरस के हवा में फैलने को लेकर गाइडलाइन्स के अभाव का जिक्र किया गया था। जिसके बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन हरकत में आया और उसने अब इस बात की पुष्टी कर दी है कि कोरोना का संक्रमण वायुजनित भी हो सकता है
जल्दी ही आएगी WHO की नई गाइडलाइन
अब जबकि इस बात की पुष्टी हो चुकी है कि हवा के जरिए कोरोना का संक्रमण होता है, तो लोगों को और भी सतर्क रहने की जरूरत है। उम्मीद की जा रही है कि WHO इस बारे में ताजा दिशानिर्देश जारी करेगा। साथ ही पुराने गाइडलाइन्स में बदलाव भी किये जा सकते हैं।
बड़े दायरे में कोरोना संक्रमण का दावा
दुनियाभर के वैज्ञानिकों के जिस ओपन लेटर का यहां हवाला दिया जा रहा है। उसमें दावा किया गया है कि छींकने के बाद हवा में दूर तक जाने वाले बड़े ड्रॉपलेट या छोटे ड्रॉपलेट एक कमरे या एक खास इलाके में मौजूद लोगों को संक्रमित करने की ताकत रखते हैं। खासकर बंद जगहों पर ये ड्रॉपलेट्स काफी देर तक हवा में तैरते रहते हैं। इस दौरान आस पास मौजूद कई लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
WHO ने अपने बयान में क्या कहा?
WHO की आधिकारिक प्रवक्ता बेनेदेत्ता आल्लेग्रांजी ने मंगलवार को माना कि सार्वजनिक जगहों पर, ख़ासकर भीड़भाड़ वाली, कम हवा वाली और बंद जगहों पर हवा के ज़रिए वायरस फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि इन सबूतों को इकट्ठा करने और समझने की ज़रूरत है। हम ये काम जारी रखेंगे।’ डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 महामारी से जुड़ी तकनीकी टीम की वरिष्ठ डॉक्टर मारिया वा केरख़ोव ने हवा के जरिए कोरोना के फैलने की बात तो मानी, लेकिन अभी भी पक्के सुबूत आने पर जोर दिया।