नंदीग्राम में ममता को हारने का डर, शुभेंदु अधिकारी से मिल रही है कड़ी चुनौती, ‘सेफ’ सीट टॉलीगंज से भी लड़ सकती है चुनाव

न्यूज़ डेस्क। पश्चिम बंगाल के सियासी रंगमंच पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाटक अपने सबाब पर है। जनता का वोट हासिल करने के लिए उन्होंने झूठ, फरेब और प्रोपेगैंडा को अपने चुनाव प्रचार का हथियार बनाया है। नंदीग्राम में पैर में लगी चोट से ममता ने सियासी फायदा उठाने की कोशिश की, लेकिन उसका पिछले दस सालों से त्रस्त जनता पर कोई असर नहीं हुआ है। चोट को हमला बताने पर जनता में काफी नाराजगी है। अब ममता बनर्जी को नंदीग्राम में हार का डर सताने लगा है। इसलिए वो सुरक्षित सीट की तलाश में लग गई है।

संडे गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नंदीग्राम से नामांकन कर चुकीं ममता बनर्जी अब किसी ‘सुरक्षित’ सीट से भी चुनाव लड़ने पर विचार कर रही हैं। वो अब दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि वो दक्षिण कोलकाता के टॉलीगंज सीट से भी नामांकन दाखिल कर सकती हैं।

TMC के सूत्रों के हवाले से संडे गार्जियन ने लिखा है कि चोटिल होने के बाद नंदीग्राम में आक्रामक प्रचार करना उनके लिए कठिन हो गया है। नंदीग्राम में ममता बनर्जी को अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए अधिकारी से नंदीग्राम में ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर मिल रही है और कयास लगाए जा रहे हैं कि वे यहां से जीत जाएंगे।

ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में जिस दिन नामांकन किया था उसी दिन उनको चोट लग गई थी। फिलहाल वो घायल हैं। उनके पैर पर पट्टी बंधी है। इस वजह से वह फिलहाल किसी तरह की गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकती। इससे उनके नंदीग्राम के चुनाव प्रचार अभियान पर असर पड़ने वाला है। ममता बनर्जी किसी तरह का चांस नहीं लेना चाहती, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि वह टॉलीगंज से भी चुनाव लड़ सकती हैं।

उधर बीजेपी ने भी ममता को नंदीग्राम में घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। बीजेपी के पश्चिम बंगाल उपाध्यक्ष राजकमल पाठक के मुताबिक शुभेन्दु अधिकारी ने ममता के खिलाफ 50 हजार वोटों से जीत का दावा किया है और शुभेन्दु का कहना है कि ऐसा नहीं हुआ तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे। दिल्ली और पश्चिम बंगाल के बीजेपी के रणनीतिकारों ने भी अपने एजेंडे में थोड़ा बदलाव किया है। बीजेपी उच्चस्तरीय आक्रामक प्रचार अभियान की रणनीति बन रही है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इसकी निगरानी कर रहे हैं। बीजेपी के स्टार प्रचारकों की टीम वहां जाकर चुनाव प्रचार को धार देने की कोशिश करेगी।

TMC के सूत्रों ने कहा कि पार्टी और ममता बनर्जी के करीबी नेताओं ने पहले ही टॉलीगंज सीट से TMC उम्मीदवार अरूप विश्वास को यह सूचित कर दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अरूप विश्वास को टॉलीगंज सीट पर चुनाव प्रचार धीमा रखने को कहा गया है। साथ ही अपने नाम वाले पोस्टर और ग्रैफिटी का उपयोग नहीं करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि अरूप विश्वास टॉलीगंज सीट से तीन बार के विधायक हैं। दक्षिण कोलकाता की टॉलीगंज सीट को बंगाली फिल्म उद्योग का केंद्र और TMC के लिए एक सुरक्षित सीट माना जाता है। टॉलीगंज सीट पर 10 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि नामांकन भरने की अंतिम तारीख 23 मार्च है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव की घोषणा की है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.