कोदो-कुटकी तथा रागी की खरीदी : वनांचल में निवासरत बैगा विशेष पिछडे़ जनजाति के कृषकों को भी मिल रहा अच्छा-खासा लाभ
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मिलेट फसलों की खरीदी से बिलासपुर जिला यूनियन अंतर्गत वनांचल में निवासरत विशेष पिछड़े जनजाति बैगा समूह के कृषकों को भी अब अच्छा-खासा लाभ होने लगा है। इस तारतम्य में बिलासपुर अंतर्गत समस्त 23 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों में से 19 समितियों में कोदो, कुटकी तथा रागी की खरीदी की सम्पूर्ण व्यवस्था कर ली गई है। इनमें से अब तक अधिकांश समितियों में कोदो की खरीदी भी शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश में इस वर्ष से कोदो, कुटकी तथा रागी की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इनकी खरीदी से वनांचल के कृषकों में काफी उत्साह है। इससे लाभान्वित प्राथमिक लघु वनोपज समिति खुड़िया में बैगा विशेष पिछडे जनजाति के कृषकों ने खुशी-खुशी बताया कि इसके पहले भी हमारे द्वारा कोदो, कुटकी तथा रागी इत्यादि फसलों का संग्रहण किया जाता था, परंतु हमें इसका औने-पौने दाम अर्थात केवल 10 रूपए प्रति किलोग्राम के दर पर ही राशि मिलती थी। राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण निर्णय से अब अपनी आय में वृद्धि होने के साथ-साथ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।
इस तारतम्य में अपर प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज द्वारा गत दिवस 9 दिसम्बर को बिलासपुर जिला यूनियन अंतर्गत प्राथमिक लघु वनोपज समिति खुडिया का निरीक्षण किया गया। यहां समिति में उपस्थित बैगा जनजाति के कृषकों सर्वश्री जोहन, गौनू, मोहनू, अघनू, अमरू, कार्तिक, रमली, मंगल तथा चमरू राम आदि ने राज्य शासन द्वारा कोदो, कुटकी तथा रागी की खरीदी पर काफी प्रसन्नता व्यक्त की और उनके द्वारा राज्य सरकार के प्रति आभार जताया गया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक चलने वाले इस खरीदी अभियान के तहत कोदो तथा कुटकी का समर्थन मूल्य 30 रूपए प्रति किलोग्राम तथा रागी का समर्थन मूल्य 33.77 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है। इस दौरान बिलासपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक नाविद सुजाउद्दीन, वन मण्डलाधिकारी कुमार निशांत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।