पीएम मोदी के 20 साल : 2001 में ली थी पहली शपथ, तीन विधानसभा, दो लोकसभा चुनाव; ’20 वर्षों का सुशासन सफर कांटों के ताज से कम नहीं रहा’, 20 साल से सरकारों की कर रहे हैं अगुवाई अनवरत…#20thYearOfNaMo

न्यूज़ डेस्क। भारत जैसे विशाल, बहुभाषी और बहुआयामी देश को एक नए युग में ले जाने का संकल्प लिए पूरी निष्ठा से कर्म पथ पर अग्रसर रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से ठीक 20 साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी। नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 7, 2001 को बतौर गुजरात सीएम पहली बार शपथ ली थी। तब से लेकर आज तक अपने सेवाभाव, त्याग और तपश्चर्या से उन्होंने विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए। गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर उन्होंने देश का प्रधानमंत्री और दुनिया के सर्वमान्य नेता बनने तक एक लंबी यात्रा तय की है। इस यात्रा में गरीबों, पीड़ितों, वंचितों और दलितों के लिए किए गए उनके कार्य सफलता के अनुपम सोपान की तरह हैं। और उसके बाद 2014 में पीएम की गद्दी संभाली और प्रधानमंत्री के तौर पर उनका ये दूसरा कार्यकाल है। इसको लेकर पीएम मोदी को बधाई संदेश भी मिल रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कई बीजेपी के बड़े नेताओं ने पीएम मोदी को शुभकामनाएं दी।

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के मुखिया के रूप में अपने 20वें वर्ष में प्रवेश कर गए। सोशल मीडिया पर उनके पहले शपथग्रहण का वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इसे खासा पसंद कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के अस्वस्थ होने और भाजपा में बगावत होने के बाद राज्य की कमान संभाली थी और उसके बाद से कभी हार का मुँह नहीं देखा।

भूकंप और दंगों से जूझ रहे गुजरात को उन्होंने दुनिया भर में बिजनेस हब के रूप में स्थापित किया। नरेंद्र मोदी ने 2002 में समय पूर्व चुनाव कराने का निर्णय लिया और सोनिया गाँधी द्वारा उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के बावजूद पूर्ण बहुमत पाने में कामयाब रहे। इसके बाद 2007 और फिर 2012 में उन्होंने गुजरात विधानसभा का चुनाव जीता। 2014 में उनके नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी। 2019 में वो और बड़े बहुमत से लौटे।

नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तब वो विधायक भी नहीं थे। इसके कुछ ही महीनों बाद उन्होंने राजकोट वेस्ट से वजुभाई बाला द्वारा सीट खाली करने के बाद विधानसभा का चुनाव लड़ा और फिर जीते। इसी तरह प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने संसद का मुँह भी नहीं देखा था। वो पहली बार सांसद बने और फिर देश की कमान संभाली। नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री बनने से पहले कोई सार्वजनिक पद नहीं संभाला था।

हालाँकि, इस दौरान सोनिया गाँधी द्वारा उन्हें ‘खून का सौदागर’ कहे जाने से लेकर राहुल गाँधी द्वारा ‘नीच’ कहे जाने तक, उन्होंने कई विपक्षी नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियों को काफी शालीनता से झेला। एक समय था जब अंग्रेजी अच्छी तरह न आने के कारण राजदीप सरदेसाई ने उन्हें अपने शो में नहीं बुलाया था और अख़बार उनके इंटरव्यू लेकर भी प्रकाशित नहीं करते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने इन चीजों से निपटने में कुशलता दिखाई और शालीन तरीके से सारी चीजों को बर्दाश्त किया।

आज वही मीडिया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते हैं तो उनके सम्बोधन का लाइव प्रसारण करने को मजबूर होता है, उनके भाषण को लगातार ट्वीट किया जाता है और उनके इंटरव्यू के लिए बेचैन रहता है। नरेंद्र मोदी मेनस्ट्रीम मीडिया नहीं, बल्कि सीधे जनता से संवाद करते हैं और रेडियो के माध्यम से अपनी ‘मन की बात’ रखते हैं। उनके सोशल मीडिया एकाउंट्स पर करोड़ों फॉलोवर्स हैं और वो दुनिया के सबसे ज्यादा फॉलोवर्स वाले नेताओं में से एक हैं।

नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार गुजराती में शपथ ली थी। उन्होंने चुनावी घोषणापत्रों को सरकार के फैसलों का आधार बनाया। उन्होंने दशकों पुराने विवादों का निपटारा किया और साथ ही अनुच्छेद-370, तीन तलाक और राम मंदिर सहित कई मुद्दों पर जनता की माँगों को पूरा किया। कोरोना वायरस संक्रमण आपदा से जूझ रहे देश का वो कुशलता से नेतृत्व कर रहे हैं और हम सब आशा करते हैं कि उनके नेतृत्व में भारत इस महामारी को भी मात देगा।

किसी भी नेता के लिए उसकी छवि ही सबकुछ होती है। एक बार दाग लग गया तो उबरना मुश्किल होता है। मोदी पर, बिना किसी सबूत के, लगातार नकारात्मक प्रोपेगेंडा चलाया जाता रहा। जिस ट्रेन की बॉगी में 59 हिन्दू कारसेवकों को जिंदा जला दिया गया, उसके बाद के दंगों का आरोप भी हिन्दुओं पर ही लगा, और अंततः मुख्यमंत्री मोदी पर जा कर चिपक गया। इन सबके बावजूद, सारी एजेंसियों को मोदी के पीछे लगा देने के बाद भी साबित कुछ नहीं हुआ।

समानांतर तरीके से वामपंथी मीडिया गिरोह लगातार एक ही बात रट-रट कर मोदी के खिलाफ अपना एजेंडा चला कर उन्हें कभी हिटलर, कभी दरिंदा, कभी राक्षस कहा जाता रहा। मोदी का इस युद्ध से बाहर आना बताता है कि साँच को आँच नहीं। वरना कॉन्ग्रेस के पास दस साल सत्ता थी, और वो चाह कर भी कुछ साबित नहीं कर पाए। ऐसे में एक ही बात शाश्वत सत्य लगती है कि लोगों तक विकास पहुँचाने और उनके जीवन में परिवर्तन लाने का माध्यम बनना ही आपको सफल राजनेता बनाता है।

आप भी देखिए- भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री को उनके चहेते सोशल मीडिया में #20thYearOfNaMo के नाम से कैसे कर रहे है सेलिब्रेट, पढ़े क्या कहते है…….

नरेंद्र मोदी के 20 बड़े काम :-

  • साल2001: 7 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री बने।
  • साल 2002: नरेंद्र मोदी ने 2002 गुजरात विधानसभा चुनाव की अगुआई की। उनके नेतृत्व में गुजरात बीजेपी के इतिहास में रिकॉर्ड सीटें आयीं।
  • साल 2003: इस साल नरेंद्र मोदी ने पहले ‘वाइब्रेंट गुजरात’ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया. समिट के दौरान 14 बिलियन डॉलर के 76 MoU साइन किये गये।
  • साल 2004: नरेंद्र मोदी ने गुजरात में बेटियों की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए कन्या केलवणी योजना और शाला प्रवेशोत्सव प्रोग्राम की शुरुआत की।
  • साल 2005: राज्य में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने के लिए बेटी बचाओ अभियान लॉन्च किया। अभियान के बाद राज्य में बेटियों की जन्म दर में वृद्धि देखी गई।
  • साल 2006: गुजरातवासियों को ज्योतिग्राम योजना का तोहफा दिया।
  • साल 2007: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने तीसरा विधानसभा चुनाव जीता. मोदी गुजरात के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले CM बने।
  • साल 2008: गुजरात की धरती पर टाटा नैनो का किया स्वागत, कार मैन्युफैक्चरिंग का गुजरात हब बना।
  • साल 2009: प्रदेश के आम लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए ई-ग्राम, विश्व-ग्राम योजना का उद्घाटन किया।
  • साल 2010: गुजरात के 50 साल के इतिहास को अगले 1,000 साल के लिए सहेजने के लिए 90 kg के टाइम कैप्सूल में किया सील।
  • साल 2011: 17 सितंबर 2011 को सद्भावना मिशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों लोगों ने हिस्सा लिया।
  • साल 2012: 26 दिसंबर 2012 को नरेंद्र मोदी चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
  • साल 2013: 13 सितंबर 2013 को बीजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में नरेंद्र मोदी को पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया गया।
  • साल 2014: 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
  • साल 2015: पीएम मोदी की पहल पर 21 जून 2015 को दुनिया भर में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
  • साल 2016: भ्रष्टाचार, काले धन और जाली मुद्रा से लड़ने के लिए नोटबंदी की गई। डिजिटल लेन-देन के लिए BHIM/UPI लॉन्च किया गया।
  • साल 2017: एक देश एक कर प्रणाली, GST लागू किया गया।
  • साल 2018: दुनिया की सबसे उंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ़ यूनिटी राष्ट्र को समर्पित की गयी।
  • साल 2019: नरेंद्र मोदी प्रचंड जीत के साथ लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने।
  • साल 2020: सही समय पर पूर्ण लॉकडाउन लगाकर कोरोना को महामारी बनने से रोका. जन-जन तक बीमारी से लड़ने की जानकारी पहुंचाई और लोगों को जागरूक किया।

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