CAA के खिलाफ प्रदर्शनों पर प्रधानमंत्री मोदी का करारा वार दी नसीहत, हिंसा करने वाले खुद से पूछें, क्या उनका रास्ता सही?
लखनऊ। CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच PM नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से शांति की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा करने वाले लोगों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है। उन्होंने अपील की कि अफवाहों को सुनकर हिंसा पर उतारू हो जाना गलत बात है। प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या सीएए को लेकर हिंसा करना सही था? लोगों को खुद से यह सवाल पूछना चाहिए।
हमारी सरकार के लिए सुशासन का अर्थ है-
सुनवाई, सबकी हो।
सुविधा, हर नागरिक तक पहुंचे।
सुअवसर, हर भारतीय को मिले।
सुरक्षा, हर देशवासी अनुभव करे।
और सुलभता, सरकार के हर तंत्र की सुनिश्चित हो: पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/72ENmIbMKm— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) December 25, 2019
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों को यह भी सोचना चाहिए कि उन्होंने जो किया वह कितना सही था क्योंकि संपत्ति का नुकसान पहुंचा कर उन लोगों ने आने वाली पीढ़ियों का नुकसान किया है। इस हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति भी सहानुभूति जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके परिवार के बारे में आपको सोचना चाहिए। अफवाहों को सुनकर ऐसा करना उचित नहीं है। हम अपना दायित्व निभाएं, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें, यही सुशासन दिवस पर हमारा संकल्प होना चाहिए, यही जनता की अपेक्षा है, यही अटल जी की भी भावना थी।
For the development of health sector in UP and India, our vision and direction have been clear since day one.
We have concentrated on health-related facilities and healthcare equally: PM @narendramodi pic.twitter.com/YYlIPZJ28O
— BJP (@BJP4India) December 25, 2019
PM मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और राम मंदिर के मुद्दों का शांति से हल किया गया है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से शरणार्थियों को नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है। 130 करोड़ भारतीयों ने आत्मविश्वास के साथ ऐसी चुनौतियों का हल खोजा है। उन्होंने आगे कहा कि अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं समग्रता में देखना होगा। यही बात सरकार के लिए भी सत्य है, सुशासन के लिए भी सत्य है। सुशासन भी तब तक संभव नहीं है, जब तक हम समस्याओं को संपूर्णता में,समग्रता में नहीं सोचें।