LAC पर भारत को मिली बड़ी कूटनीतिक जीत, गलवान घाटी से पीछे हटते दिखी चीनी सेना: सूत्र

न्यूज़ डेस्क। गलवान मामले पर भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के कड़े तेवर के बाद चीनी सैनिकों के गलवान घाटी से 2 किलोमीटर पीछे हटने के खबर है। ‘द हिन्दू’ की खबर के अनुसार चीनी सेना झड़प वाली जगह के पेट्रोल प्वाइंट 14 से करीब 2 किलोमीटर पीछे चली गई है और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच एक बफर जोन बना दिया गया है। बफर जोन दो देशों की सीमा के बीच का खाली इलाका होता है। दोनों देशों के बीच 30 जून को कमांडर स्तर की बातचीत में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर बनी सहमति के बाद रविवार को एक सर्वे किया गया। अधिकारियों के अनुसार चीनी सैनिक झड़प वाले स्थान से दो किमी पीछे हट गए हैं और अस्थायी ढांचे को हटा दिया गया है।

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी कहा है कि दोनों देशों के बीच 30 जून को हुई तीसरे दौर की बैठक के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने अग्रिम चौकियों से पीछे हटना शुरू कर दिया है।

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 3 जुलाई को अचानक लेह पहुंचने के तीन दिन बाद चीनी सेना के पीछे हटने की खबर आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां जवानों के साथ संवाद भी किया। चीन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अब विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। ये युग विकासवाद का है। विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया, मानवता का विनाश करने का प्रयास किया। विस्तारवाद ने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या सिकुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं।

साफ है कि भारत ने जिस तरह से सख्ती दिखाई उससे चीन को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। भारत ने चीन को सैनिक, आर्थिक और कूटनीतिक तीनों मोर्चों पर चीन को करारी शिकस्त दी है। पहले भारत ने लेह-लद्दाख में जबरदस्त सैन्य शक्ति के जरिए चीन को सोचने पर मजबूर किया फिर 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा और चीनी सामान के बॉयकॉट के साथ आर्थिक कमर तोड़ दी। इसके बाद भारत ने कूटनीतिक चाल चलते हुए विश्व बिरादरी में पाकिस्तान की तरह चीन को भी अलग-थलग कर दिया। रूस, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ सभी बड़े देश भारत के पक्ष में एकजुट हो गए।

गौरतलब है कि पिछले महीने 15 जून को गलवान घाटी में चीन सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। झड़प में 43 चीनी सैनिकों भी मारे गए थे, लेकिन उसने इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की। झड़प के बाद भारत की सख्ती के आगे चीन एकदम लाचार- बेबस पड़ गया और आखिर में पीछे हटना पड़ा।

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