जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक पास, कांग्रेस अध्यक्ष नहीं होंगे अब स्थायी सदस्य
नई दिल्ली। आज मंगलवार को राज्यसभा में राज्यसभा में लंबी चर्चा के बाद जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत के साथ पारित कर दिया गया। इस बिल में जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के न्यासी के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। इस विधेयक के अनुसार, न्यासी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष को हटाकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष को रखने का प्रावधान किया गया है। इस मसौदा कानून में यह प्रावधान है कि अगर विपक्ष का कोई नेता नहीं है तो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को न्यासी बनाया जाएगा। बिल के पास होने के दौरान बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जलियांवाला बाग में हजारों लोगों ने बलिदान दिया। भविष्य में, यह कभी नहीं कहा जाना चाहिए कि हमने रक्त की एक भी बूंद बहाए बिना स्वतंत्रता प्राप्त की।
Today in my maiden speech in Rajya Sabha got the privilege of putting forth @BJP4India view on Jallianwalla National Memorial (Amendment), Bill 2019 by Sri @narendramodi Ji’s Government.
आज राज्यसभा में प्रथम भाषण का लिंक https://t.co/kdP395w1TU— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 19, 2019
इससे पहले सदन में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने केन्द्र सरकार से जलियांवाला बाग ट्रस्ट से न्यासी मंडल से कांग्रेस अध्यक्ष को पदेन स्थायी सदस्य बनाने के प्रावधान को खत्म करने के कानूनी प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया है। राज्यसभा में मंगलवार को जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने जलियांवाला बाग से कांग्रेस के भावनात्मक लगाव को इतिहास का सच बताते हुये कहा कि 13 अप्रैल 1919 को हुये इस जघन्य हत्याकांड के बाद कांग्रेस की पहल पर जलियांवाला बाग ट्रस्ट का गठन किया गया था।
Hon'ble Union Minister of #Culture and #Tourism (IC) Shri @prahladspatel Ji's opening remak for The Jallianwala Bagh National Memorial (Amendment) Bill 2019 in #LokSabha#JallianwalaBagh#JallianwalaBaghMemorial#Punjab#PrahladPatel#BJP#Damoh#Bharat#Bill pic.twitter.com/c0mwOprpg8
— Office of Shri Prahlad Singh Patel (@pspoffice) August 2, 2019
उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के खिलाफ देश भर में उपजे आक्रोश के कारण कांग्रेस की अगुवाई में आजादी का संग्राम शुरु हुआ और जलियांवाला बाग की कड़वी यादों को संजोने के लिये बने ट्रस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया। बाजवा ने कहा, ‘‘इस स्थल से हमारा भावनात्मक रिश्ता है, सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुये इस ट्रस्ट से कांग्रेस अध्यक्ष को नहीं हटाना चाहिये। साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रस्ट से किसी न्यासी को हटाने का अधिकार सरकार को देने का प्रावधान भी उचित नहीं है।