लगातार गिरते वायु प्रदूषण के स्तर की ”गंभीरता’ पर चिन्ता जाहिर करते हुए, SC ने कहा-ऑड ईवन कोई स्थायी समाधान नहीं, दिल्ली में एयर प्यूरीफायर टावर लगाने के लिए रोड मैप करे तैयार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली में वायु एयर प्यूरीफायर टावर लगाने के लिए एक रोड मैप तैयार करे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आज दिल्ली में एक्यूआई लेवल तकरीबन 600 है। ऐसे लोग कैसे सांस लेंगे? दिल्ली सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर ऑड ईवन की स्कीम से दुपहिया वाहनों को बाहर न रखा जाए तो मदद मिल सकती है। अगर दुपहिया वाहनों को इससे बाहर न रखा जाए तो दिल्ली के हालात में सुधार हो सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कार प्रदूषण स्तर में 3 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं और बाकी सभी वाहनों ने इसमें 28 प्रतिशत का योगदान दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड ईवन एक स्थायी समाधान नहीं हो सकता है, खासकर जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि कार प्रदूषण स्तर का 3 प्रतिशत है। कचरा डंपिंग, निर्माण अपशिष्ट और सड़क की धूल भी प्रदूषण के स्तर में प्रमुख योगदानकर्ता हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) से कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन के 3 पहिया वाहनों की जांच हो और रिपोर्ट फाइल हो। साथ ही दिल्ली विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और अन्य नागरिक निकायों को अदालत के आदेशों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निगरानी समिति के साथ सहयोग करने के लिए कहा।
वहीं, दिल्ली शुक्रवार को धुंध की मोटी चादर में लिपटी रही और लगातार चौथे दिन प्रदूषण का स्तर ”गंभीर’ की श्रेणी में रहा। अधिकारियों ने बताया कि हवा की धीमी गति भी प्रदूषण बढ़ने का एक कारण है क्योंकि इसके कारण प्रदूषक तत्व एक ही स्थान पर ठहरे रहते हैं और यहां वहां छितर नहीं पाते। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 467 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर की श्रेणी में आता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के अनुसार सभी निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पायी गयी। अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक था। दिल्ली और NCR क्षेत्र में प्रदूषण के कारण छाई धुंध को देखते हुए स्कूल शुक्रवार को भी बंद रहे। सीपीसीबी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर की श्रेणी में दर्ज की गयी। गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक सर्वाधिक 480 दर्ज किया गया।