प्लेटिनम जुबली जैसे अवसर मील के पत्थर हुआ करते हैं इस पड़ाव में ठहर के हम पीछे मुड़कर देखे और आगे सुधारों पर ध्यान दे : राष्ट्रपति कोविंद
भुवनेश्वर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज रविवार को कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों को समाज के वंचित तबकों के सशक्तीकरण के प्रति संवेदनशील होना चाहिए, उत्कल विश्वविद्यालय ओडिशा का सबसे पुराना विश्वविद्यालय और भारत का 17 वाँ सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। राजधानी भुवनेश्वर में स्थित यह विश्वविद्यालय ओडिशा का प्रमुख शैक्षिक केंद्र है। उत्कल विश्वविद्यालय की प्लेटिनम जुबली के समापन समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय कोई ‘आइवरी टॉवर’ नहीं होते बल्कि यह विचारों के महान केंद्र होते हैं। यह समाज का हिस्सा होते हैं, इसलिए इन्हें सामाजिक बदलाव का हिस्सा बनना चाहिए।
President Kovind addresses the concluding ceremony of the Platinum Jubilee celebrations of the Utkal University in Bhubaneswar; says universities are great hubs of ideas but they are not ivory towers. They are part of society and thus remain engaged with social change. pic.twitter.com/YKnrDWQlz8
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 8, 2019
उन्होंने कहा कि शिक्षक समुदाय को ऐसे शोधों का हिस्सा बनना चाहिए जो न केवल नए ज्ञान आधार का सृजन करें बल्कि जो मानव समाज को सहारा देने के भी काम आएं।
राष्ट्रपति #RamNathKovidn उत्तकल विश्वविद्यालय के विशेष कार्यक्रम को कर रहे हैं संबोधित
Live: https://t.co/3Dy3z16x3e pic.twitter.com/cxaxB9GmYE— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) December 8, 2019
राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष जोर होना चाहिए। बहुविध फैकल्टी से संपन्न उत्कल विश्वविद्यालय जैसे संस्थान इस काम को करने के लिए सक्षम हैं।
श्री कोविंद ने कहा कि प्लेटिनम जुबली जैसे अवसर मील के पत्थर हुआ करते हैं। लंबी यात्रा के इस पड़ाव में हम ठहरते हैं, पीछे मुड़कर देखते हैं फिर आगे की तरफ निगाह डालते हैं। यह समय उपलब्धियों के साथ आगे के संभावित सुधारों पर ध्यान देने का होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे उत्कल समुदाय के लिए यह समय संस्थान के संस्थापकों की सोच के प्रति खुद को फिर से समर्पित करने का है।