किसान आंदोलन : विपक्षी दलों पर बरसे रविशंकर प्रसाद, कहा- विपक्षी दल राजनीतिक वजूद बचाने के लिए किसानों के आंदोलन में कूदे
नई दिल्ली। कृषि कानून को लेकर अब केंद्र सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। देशभर के किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं पिछले 11 दिनों से वहां किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों के आंदोलन के समर्थन में अब कई विपक्षी दल भी शामिल हो गए हैं। किसानों ने कल विरोध प्रदर्शन को और विशाल करने के लिए भारत बंद का आवाहन किया है, जिसमें 11 राजनीतिक दलों ने उनका समर्थन किया है। किसानों के आंदोलन में विपक्षी दलों के समर्थन को लेकर अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा है।
कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी: श्री @rsprasad pic.twitter.com/CO92BG3Y7O
— BJP (@BJP4India) December 7, 2020
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रस कॉन्फ्रेंस कर इन विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। किसान आंदोलन में शामिल राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन विपक्षी दलों का दोहरा और शर्मनाक रवैया सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दल अपना वजूद बचाने के लिए किसानों के आंदोलन में कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि इन विपक्ष दलों का काम सिर्फ मोदी सरकार का विरोध करना ही रह गया है।
आज जो हमने काम किया है,8-9 साल पहले मनमोहन सिंह जी की सरकार ये कर रही थी, 2005 में शरद पवार ये बोल रहे थे। जिस समय शरद पवार ये बोल रहे थे कि अगर आप सुधार नहीं करोगे तो हम वित्तीय समर्थन देना बंद कर देंगे। उस समय मनमोहन सिंह जी की सरकार का समर्थन सपा, RJD, CPI और अन्य दल कर रहे थे pic.twitter.com/JMSvh8gICz
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है। ये पार्टी बार-बार चुनाव हार रही है, ऐसे में वो अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाती है।
शरद पवार जब देश के कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे तो उन्होंने देश के सारे मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी।
जिसमे उन्होंने लिखा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है, प्राइवेट सेक्टर का आना जरूरी है, किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अवसर मिलना चाहिए: श्री @rsprasad pic.twitter.com/MCEmO0bq0F— BJP (@BJP4India) December 7, 2020
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और उसकी सहयोगी पार्टियों का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि जो हमने आज किया, वो 8-9 साल पहले मनमोहन सिंह की सरकार करने जा रही थी। साल 2005 में शरद पवार बोल रहे थे कि अगर आप सुधार नहीं करोगे तो हम वित्तीय समर्थन देना बंद कर देंगे। उस वक्त मनमोहन सरकार के फैसला का समर्थन सपा, आरजेडी, सीपीआई समेत कई दलों ने किया था। उस समय जब शरद पवार देश के कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे तो उन्होंने सभी राज्यों को मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है और प्राइवेट सेक्टर का आना जरूरी है। ताकि किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अवसर मिले।
कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी: श्री @rsprasad pic.twitter.com/CO92BG3Y7O
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रविशंकार प्रसाद के कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त किया जाएगा और देशभर के किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार की छूट देगी।
किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे।
हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं।
लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी जी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है: श्री @rsprasad pic.twitter.com/4ISARGGjvL
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उन्होंने कहा कि इन दलों का मकसद सिर्फ मोदी सरकार का विरोध करना है। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे, लेकिन फिर भी ये लोग शामिल हुए, ताकि उन्होंने भाजपा और पीएम मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल जाए।
LIVE: Shri @rsprasad is addressing a press conference at BJP headquarters in New Delhi. https://t.co/Jf3Y8brQi4
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