‘‘मैं समझता हूं कि माननीय कलराज मिश्रा या माननीय राज्यपाल कहना ठीक होगा, महामहिम जनता से दूर कर देता है : राज्यपाल कलराज मिश्र

जयपुर। राजस्थान के नये राज्यपाल कलराज मिश्रा ने सोमवार को कहा कि वह संविधान के मार्गदर्शन के अनुसार एक राष्ट्र, एक जन, एक संस्कृति की विचारधार पर काम करेंगे और प्रयास करेंगे कि आम आदमी इस कल्पना का अनुभव कर सके। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के संदर्भ में नव नियुक्त राज्यपाल कलराज मिश्रा ने कहा कि यह इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है जिसने एक राज्य की अनुभूति कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है, यह भी संविधान के अंर्तगत प्रदत्त है।

राजस्थान के 21वें राज्यपाल के रूप में शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मिश्रा ने कहा, हम जिस विचारधारा से प्रेरित होकर आयें हैं और जिसका मैं हमेशा वर्णन करता हूं वह विचारधारा है एक राष्ट्र, एक जन, एक संस्कृति की। संविधान के आधार पर एक राष्ट्र एक जन एक संस्कृति की कल्पना को मूर्त रूप कैसे प्रदान किया जाये, आम आदमी उसका कैसे अनुभव कर सके, यह करने का हमारा प्रयास होगा। उन्होंने कहा, अब (जम्मू कश्मीर में) 370 अनुच्छेद का हटाना यह इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है जिसने एक राज्य की अनुभूति कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। यह भी संविधान के अंर्तगत प्रदत्त है।

उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक प्रमुख होने के नाते यह प्रयास किया जायेगा कि संविधान की मर्यादा का अतिक्रमण न होने पाये और संविधान के प्रदत्त सभी चीजों का सही तरीके से पालन हो। उन्होंने कहा कि पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने कुछ अनुकरणीय चीजें की हैं। राज्यपाल के लिए महामहिम के स्थान पर माननीय शब्द के इस्तेमाल की पहल का जिक्र करते हुए मिश्रा ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि माननीय कलराज मिश्रा या माननीय राज्यपाल कहा जाये तो ज्यादा ठीक होगा। महामहिम जरा जनता से दूर कर देता है। जनता से दूरी लोकतंत्र के अंदर ठीक नहीं है।’’

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