दिल्ली हिंसा : केजरीवाल की करीब 2 महीने बाद खुली नींद, उमर खालिद के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी मंजूरी , UAPA के तहत चलेगा केस

न्यूज़ डेस्क। दिल्ली में हुए भीषण दंगा मामले में आरोपी बनाए गए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ अदालती कार्यवाही के लिए दिल्ली सरकार ने आखिरकार शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी। लगभग दो महीने तक विचार-विमर्श के बाद केजरीवाल सरकार ने अपनी सहमति दी। अब उमर खालिद, शरजील इमाम सहित अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत केस चलाने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली पुलिस जल्द UAPA के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी।

अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाए थे कि वह लोगों के साथ ज्यादती कर रही है और झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। आप पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन का मामला सबूतों के साथ सामने आने के बाद केजरीवाल सरकार को कदम पीछे खींचने पड़े। अब खालिद के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी देकर केजरीवाल सरकार ने आखिर मान लिया कि दिल्ली पुलिस सही दिशा में कार्रवाई कर रही है।

दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को 14 सितंबर को दिल्ली दंगा से जुड़े मामले में साजिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कड़कड़डूमा कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद उमर खालिद की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से उनकी न्यायिक हिरासत 30 दिन और बढ़ाने की अर्जी लगाई गई थी।

दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट को बताया था कि फिलहाल इस मामले में जांच जारी है और ऐसे में जांच की इस स्टेज पर उमर खालिद को जमानत नहीं दी जानी चाहिए इसके बाद कोर्ट ने उमर खालिद की न्यायिक हिरासत को 20 नवंबर तक बढ़ा दिया था। अभी उमर खालिद न्यायिक हिरासत में है।

गैरतलब है कि फरवरी के आखिर में नागरिगता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान राजधानी दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में खालिद समेत कई लोगों के खिलाफ स्पेशल सेल ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया था। इसके तहत खालिद समेत FIR की जद में आए सभी के खिलाफ देशद्रोह, हत्या, हत्या का प्रयास और दंगा सहित कई संगीन आरोप लगाए गए हैं।

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