पंचायत चुनाव में पांचवी-आठवीं पास की बाध्यता खत्म अब केवल साक्षर होने पर भी उम्मीदवार लड़ सकेंगे चुनाव
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पांचवीं और आठवीं की बाध्यता समाप्त होगी। अब केवल साक्षर होने पर उम्मीदवार लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 में संशोधन के इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह प्रस्ताव अब विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में दो नये विश्वविद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया, इनमें महात्मा गांधी के नाम पर उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय और रायगढ़ में स्वर्गीय नंद कुमार पटेल के नाम पर नये विश्वविद्यालय प्रारंभ करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बैठक में इसके साथ ही विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले अन्य विधेयकों के संशोधन प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया।
मंत्रिपरिषद की बैठक (23.11.2019)
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel जी की अध्यक्षता में आज निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में निम्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये- pic.twitter.com/Mtki832vM1
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 23, 2019
गौरतलब है कि वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में निःशक्त व्यक्ति के निर्वाचित नहीं होने की स्थिति में संबंधित पंचायतों में उनके नामांकन का प्रावधान नहीं है। साथ ही पंचायतों में पदाधिकारियों के निर्वाचन में शैक्षणिक योग्यता के संबंध में पंच पद के लिए पांचवीं और पंच के ऊपर के पदधारी के लिए आठवीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
इन प्रावधानों को संशोधन किए जाने की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए अब जिन पंचायतों में निर्वाचन के पश्चात् निःशक्त व्यक्ति का प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में वहां निःशक्त व्यक्ति को नामांकित करने तथा त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में केवल साक्षर होने पर ही, निर्वाचन हेतु पात्रता के संबंध में छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 की धाराओं में संशोधन के प्रस्ताव को मंत्री परिषद के बैठक में अनुमोदित किया गया।