भारत-चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देश सक्षम, किसी तीसरे पक्ष की नहीं है जरूरत : रूस

मॉस्को, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC के पास 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के चलते दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस वक्त तनाव चरम पर है। इस बीच भारत के पुराने दोस्त रूस ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता है कि भारत और चीन के बीच विवाद सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत है।

भारत-रूस-चीन के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को वर्चुअल बैठक के दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत-चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनानती का भी इस दौरान जिक्र किया और कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल की जरूरत है। लावरोव ने कहा, हम यह उम्मीद करते हैं कि स्थिति लगातार शांतिपूर्ण रहेगी और विवाद का शांतिपूर्ण समाधान किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “मैं नहीं मानता हूं कि उन्हें मदद की जरूरत है खासकर जहां तक देश के मुद्दों की बात है। वे अपने दम पर इसका समाधान कर सकते हैं। रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि नई दिल्ली और बीजिंग ने शांतिपूर्ण समाधान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने रक्षा अधिकारियों, विदेश मंत्रियों के स्तर पर बात की है और दोनों पक्षों ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिससे यह संकेत मिलता हो कि कोई कूटनीतिक समाधान न चाह रहा हो।”

इस दौरान रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि आज हम संयुक्त राष्ट्र में सुधार की समस्या पर बात करते हैं और भारत संयुक्त राष्ट्र में स्थाई सदस्यता के लिए मजबूत नॉमिनी है। हम भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.