अब 18+ वाले लोग वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन, लगवा सकते हैं टीका
नई दिल्ली, 24 मई। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच आ रही वैक्सीनेशन की समस्या को दूर करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नया फैसला लिया है। अब 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए CoWIN डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऑन-साइट पंजीकरण/सहायक समूह पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा समय में यह सुविधा केवल सरकारी COVID वैक्सीनेशन सेंटर्स के लिए लागू की जा रही है।
जानिए क्या है नियम
- दरअसल कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि ऑनलाइन स्लॉटन लेने के बाद भी किसी जरूरी काम या फिर इमरजेंसी के वलते लोग वैक्सीन लेने नहीं आ पाते। दिन के अंत तक इस तरह वैक्सीन के कई डोज बच जाते हैं। ऐसे में वो टीके बर्बाद न हो इस लिए कुछ लाभार्थियों का साइट पर ही रजिस्ट्रेशन कर उन्हें वैक्सीन लगाई जा सकती है।
- कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इंटरनेट, स्मार्टफोन या किसी भी तरह रजिस्ट्रेश कर पाने से दूर हैं, उन्हे भी ऑन-साइट पंजीकरण का लाभ मिल सकता है।
- कोविन पर 18 से 44 साल के लिए ऑन साइट रजिस्ट्रेशन और अपॉइंटमेंट शुरू कर दिया गया है।
- निजी कोविड वैक्सीन सेंटर पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
🔵On-site Registration/Facilitated Cohort Registration in addition to Online Appointment for 18-44 years age group now Enabled on #CoWIN
🔵Feature enabled only for Government #COVID Vaccination Centers (CVCs), presentlyhttps://t.co/2f9l06v79m
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) May 24, 2021
जैसा की आपको पता है कि वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करने के दौरान पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड या पेंशन दस्तावेज का नंबर दर्ज कराना अनिवार्य है। लेकिन देश में कुछ लोग ऐसे भी है जिनके पास फोटो आईडी कार्ड नहीं है। ऐसे लोगों को भी वैक्सीनेशन ड्राइव से जोड़ने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की हैं। इस गाइडलाइन के मुताबिक मंत्रालय ऐसे लोगों की पहचान कर रही है। इनमें विभिन्न धर्मों के साधु/संत, सजायाफ्ता कैदी, भिखारी और कुछ अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों को बिना पहचान पत्र के भी टीका लगाया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है इसके लिए हर जिले में एक जिला नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। पहचान किए गए लोगों को टीकाकरण के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी (डीआईओ) जिम्मेदार होंगे। जिला नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे कि ये विशेष छूट केवल उन लोगों के लिए है जिनके पास अनिवार्य फोटो पहचान पत्र नहीं है।