भारत गरीबी उन्मूलन, मध्यम आय वर्ग वाला देश बनना चाहता है: राष्ट्रपति कोविंद

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि सतत विकास के लिए प्रयासरत भारत गरीबी उन्मूलन और मध्यम आय वर्ग वाली अर्थव्यवस्था बनना चाहता है। कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कृषि, दवा-निर्माण, विमानन, फुटवियर-डिजाइन, फैशन, पेट्रोलियम और ऊर्जा, समुद्री अध्ययन, योजना और वास्तुकला और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों से जुड़े उच्च शिक्षण संस्थानों के 42 प्रमुखों के एक सम्मेलन की अध्यक्षता की।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने स्थायी विकास के लिए खुद को तैयार किया है क्योंकि वह गरीबी उन्मूलन और एक मध्यम आय वर्ग वाला देश बनना चाहता है। इनमें से प्रत्येक संस्थान हमारे सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण होगा। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय उपयोगी अनुसंधान से स्थायी कृषि, उत्पादकता को बढ़ावा देने के हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने में मदद और हमारे किसानों की सहायता कर सकते हैं।’’

श्री कोविंद ने कहा, ‘‘यही बात विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े अन्य सभी संस्थानों के साथ भी है, जिनमें दवा-निर्माण, विमानन, समुद्र विज्ञान, पेट्रोलियम और ऊर्जा, आईटी, डिजाइन, वास्तुकला और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक, अच्छा कर रहा है, लेकिन हमें इन्हें और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और हमें उस पैमाने तथा दक्षता को हासिल करने की जरूरत है जो दुनिया में सबसे बढ़िया और बेहतर है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी विशेषज्ञता विकसित कर इन संस्थानों को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए और एक-दूसरे से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘बड़े शिक्षण संस्थान उस नेतृत्व के कारण अलग होते हैं, जो इन संस्थानों में उभरते हैं। प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।’’

सम्मेलन के दौरान, अनुसंधान को बढ़ावा देने, छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने, निर्माण उद्योग- अकादमिक गतिविधियों, रिक्तियों को भरने, पूर्व छात्र निधि बनाने और पूर्व छात्रों की गतिविधियों को बढ़ाने और प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

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