गणतंत्र दिवस (26 जन) पर दिखेगा कोरोना संक्रमण और किसान आंदोलन का असर, कार्यक्रम में किए गए बड़े बदलाव, करना होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की परेड पर इस साल कोरोना वायरस संक्रमण और किसान आंदोलन का असर देखने को मिलेगा। कोरोना महामारी और केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों के प्रदर्शन के चलते इस साल गणतंत्र दिवस परेड के कार्यक्रम को छोटा रखा जाएगा। साथ ही परेड देखने आने वाले दर्शकों की संख्या को भी इस बार कम किया जाएगा। इस बार के गणतंत्र दिवस के आयोजन के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि इस बार परेड देखने के लिए सिर्फ 25 हजार लोगों को ही राजपथ आने की अनुमति होगी। सामान्य तौर पर गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने के लिए तकरीबन एक लाख लोग राजपथ आते हैं। यही नहीं इस बार परेड में सिर्फ 4000 आम नागरिक ही बतौर दर्शक परेड में हिस्सा ले सकेंगे, जबकि बाकी के दर्शक VIP और VVIP होंगे।

गणतंत्र दिवस परेड के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दर्शकों को पास या टिकट जारी किया जाएगा। किसी भी व्यक्ति को फ्री स्टैंडिंग एरिया में खड़े होकर परेड देखने की इजाजत नहीं होगी। दरअसल हर साल बोट क्लब और इंडिया गेट लॉन के पास बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और खड़े होकर गणतंत्र दिवस की परेड को देखते हैं। साथ ही इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में 15 वर्ष से कम आयु के और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को परेड देखने की अनुमति नहीं होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए राजपथ पर कुर्सियों को निर्धारित दूरी पर लगाया जाएगा। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए नियम कोरोना महामारी की वजह से लागू किए गए हैं।

इस साल मुख्य परेड में सेना के तीनों इकाइयां इंडिया गेट तक ही हथियार, मिसाइल और अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। हर बार की तरह इस बार वर्ष लाल किले तक यह परेड और शक्ति प्रदर्शन नहीं होगा। हालांकि जो झांकियां तैयार की जाएंगी उन्हें लाल किले तक जाने की इजाजत होगी। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि लाल किले तक परेड और शक्ति प्रदर्शन इसलिए नहीं किया जा रहा है ताकि कम से कम दर्शक मौके पर परेड को देखने के लिए इकट्ठा हो। ऐसा करने से इंडिया गेट और लाल किले पर कम लोग इकट्ठा होंगे और भीड़ नहीं लगेगी।

अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा और अंदर आने के लिए टिकट या पास जारी किया जाएगा। अंदर आने के लिए लोगों को आईटीओ, धौलाकुआं, अरविंदो चौक, रंजीत सिंह फ्लाइओवर के पास एंट्री दी जाएगी। जो भी परेड देखने के लिए अंदर आना चाहता है उसे अपना टिकट या एंट्री पास दिखाना होगा। टिकट और विजिटर पास व्यक्ति के नाम से जारी किए जाएंगे और इसपर कोई अन्य व्यक्ति एंट्री नहीं कर सकता है।

DCP इश सिंघल ने कहा कि दिल्ली की सुरक्षा को कई परत में पुख्ता किया गया है, आउटर, मिडल और इनर क्षेत्र। लोगों को आउटर क्षेत्र में सख्त सुरक्षा चेक का सामना करना पड़ेगा। लोगों को रैंडम चेकिंग के लिए रोका जाएगा। सिर्फ उन्हीं लोगों को इनर क्षेत्र में आने दिया जाएगा जिनके पास परेड देखने का टिकट या पास होगा। इस बार परेड में हिस्सा लेने वाली मार्चिंग टुकड़ियों की संख्या छोटी होगी। 144 की बजाए इस बार 96 लोगों की टुकड़ी परेड में हिस्सा लेगी।

परेड में हिस्सा लेने के लिए जो लोग आएंगे उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। एंट्री प्वाइंट पर सैनिटाइजर, फेस मास्क, ग्लव्स भी मुहैया कराए जाएँगे। सफदरगंज अस्पताल के डॉक्टर जुगल किशोर ने बताया कि बचाव के लइए जरूरी कदम उठाना आवश्यक है। महामारी के मद्देनजर गाइडलाइन का पालन किया जाना जरूरी है। संक्रमण को रोकने के लिए अधिक से अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बेहतर होगा कि लोग घर में बैठकर TV पर इस साल परेड देखें।

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